नमस्कार दोस्तों ! आज हम लोग बात करेंगे food for paralysis patient लकवा के मरीजों को क्या खाना चाहिये? जिससे उनके शरीर में blood circulation ठीक प्रकार से बना रहे और वो जल्दी स्वस्थ हो सके।
लकवा (Paralysis) के शुरुआती लक्षणों में मांसपेशियों में ऐंठन, मरोड़ या जकड़न शामिल हैं। निगलने या चबाने में कठिनाई, और हाथ या पैर की मांसपेशियों में कमजोरी।
पक्षाघात(Paralysis) हमारी voluntary muscles में कमजोरी या voluntary muscles की हानि के कारण होता हैं। हमारे दिमाग को आघात पहुंचना लकवा (Paralysis) का एक प्रमुख कारण हैं। एक स्ट्रोक तब होता है, जब हमारे मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति अचानक रूक जाती है या मस्तिष्क में रक्त वाहिका फट जाती है। मस्तिष्क मानव शरीर का सबसे महत्वपूर्ण और जटिल अंग होता है। मस्तिष्क मानव शरीर की सभी इंद्रियों और कार्यों को नियंत्रित करता है।
Paralysis तब होता है जब रक्त प्रवाह(blood Circulation) उस क्षेत्र तक नहीं पहुंच पाता है। जो शरीर के किसी विशेष अंग को नियंत्रित करता है, तो शरीर का वह अंग या हिस्सा ठीक से काम करना बंद कर देता है। पक्षाघात एक विशेष मांसपेशी समूह या शरीर के किसी विशेष क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है। Paralysis शरीर के किसी एक बड़े क्षेत्र को भी प्रभावित कर सकता हैं।
जब शरीर का एक तरफ का भाग प्रभावित होता हैं तो उसको Hemiplegia कहा जाता हैं। जब शरीर के दोनों तरफ के हिस्से प्रभावित होते हैं तो उसको Diplegia or Bilateral Hemiplegia कहा जाता हैं। जब केवल शरीर का निचला हिस्सा Paralysis से प्रभावित होता हैं तो इसको Paraplegia कहा जाता हैं।
शरीर के जिस अंग पर लकवा का अटैक होता हैं वह अंग कुछ भी महसूस करने की क्षमता खो देता है। चेहरे पर लकवा होने पर मुंह आधा टेढ़ा हो जाता है। मरीज बोल नहीं पाता है। मरीज तुतलाने लगता है। लकवा (Paralysis) किसी भी उम्र में हो सकता है। लेकिन ज्यादातर यह उम्रदराज लोगों में देखने को मिलता है। इसे ठीक होने में काफी समय लग सकता है और अगर इसका समय पर इलाज ना किया जाए तो यह बीमारी लाइलाज भी बन सकती है।
High Blood Pressure के मरीजों में लकवा होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इसके अलावा खून का थक्का जमना (Blood Clotting), High Cholestrol इसके कारण हो सकते हैं।
लकवा (Paralysis) के कुछ मुख्य कारण हैं:-
चेहरे के एक तरफ की मांसपेशियों अचानक कमजोरी होना,
हाथ की मांसपेशियों में अचानक कमजोरी होना
दर्द के साथ या चेहरे पर-जागने या सोते समय अस्थायी लकवा (Paralysis)
किसी गंभीर दुर्घटना या चोट के बाद लकवा (Paralysis)
लकवे के रोगी के ठीक होने की कोई समय सीमा नहीं होती हैं। उसे ठीक होने में कुछ महीनों से लेकर कुछ साल तक लग सकते हैं। अगर सही से उपचार किया जाय तो रोगी 3 से 4 महीनों में भी ठीक हो सकता हैं।
Paralysis से जल्दी ठीक होने में हमारे खान-पान का बहुत महत्वपूर्ण स्थान हैं । खाने-पीने की चीजों का सही उपयोग करके हम लकवे के दोबारा attack को रोक सकते हैं । सही भोजन तथा भोजन की सही मात्रा को अपनाने से लकवे का खतरा बहुत हद तक कम हो सकता हैं ।सही भोजन का चुनाव High blood pressure, high cholestrol level तथा heart diseases के खतरे को भी कम करता हैं
उम्रदराज लोगों द्वारा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ Paralysis से जल्दी ठीक होने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। क्योंकि वे रक्तचाप (Blood Pressure), शरीर के वजन और तनाव के स्तर को प्रभावित करते हैं।
इसीलिये Doctors की सिफारिश के अनुसार आपको आपके बुजुर्ग प्रियजन के लिये एक संतुलित diet plan बनाना चाहिये आइये बात करते हैं कुछ भोजन विकल्पों के बारे में जिनको अपनाकर Paralysis से जल्दी बाहर आ सकते हैं:-
फलियां (Beans):- FOOD FOR PARALYSIS PATIENT
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लकवा के कारण वरिष्ठ लोगों की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं । मांसपेशियोंकी कमजोरी के कारण वरिष्ठ लोग अपने मूत्राशय पर नियंत्रण नहीं रख पाते जिसके कारण रिसाव होता रहता हैं ।
मांसपेशियों की कमजोरी को दूर करने में सेम की फली बहुत ही लाभदायक होती हैं । Black beans & kidney Beans दोनों में ही fiber बहुत ही प्रचुर मात्रा में पाया जाता हैं । ये दोनों ही फलियां खाये जाने वाले खाद्य पदार्थो से पानी को अवशोषित कर लेती हैं । इसलिये फलिओं के सेवन से मूत्राशय की problem ठीक हो सकती हैं ।
जई का दलिया (Oatmeal):– FOOD FOR PARALYSIS PATIENT
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paralysis से निज़ात पाने में oatmeal बहुत ही लाभदायक सिद्ध हो सकता हैं oatmeal साबुत अनाज का बना होता हैं जिसमे भरपूर मात्रा में घुलनशील फाइबर होता हैं घुलनशील फाइबर बार-बार होने वाले लकवे के जोखिम को कम करता है। oatmeal से मस्तिष्क को मजबूती मिलती हैं जिससे लकवे के मरीज का मानसिक विकास होता हैं और वे धीरे-धीरे पहले की तरह सामान्य जीवन जी सकते हैं मरीज अपनी खोई हुई क्षमताओं को फिर से प्राप्त कर सकता हैं
Oatmeal के दलिए को ज्यादा टेस्टी बनाने के लिए आप उसमे स्ट्रॉबेरी और ब्लूबेरी जैसे ताजे फलों का उपयोग कर सकते हैं।
सेब(Apples):– FOOD FOR PARALYSIS PATIENT
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Paralysis से ठीक होने में सेब का महत्वपूर्ण स्थान हैं। सेब में pectin जो की एक घुलनशील फाइबर हैं । प्रचुर मात्रा में पाया जाता हैं। लकवे के मरीज को प्रतिदिन सेब का सेवन करना चाहिये सेब का सेवन करने से cholestrol का लेवल नियंत्रित रहता हैं। सेब हमारे शरीर में रक्तसंचार को बढ़ाता हैं । रक्तसंचार बढ़ने से हमारे शरीर के हर अंग तक पूरी मात्रा में blood तथा oxygen पहुँच पाती हैं
पूरे शरीर तथा मस्तिष्क में Blood और Oxygen का पूरा प्रवाह होने से लकवे के मरीज की ठीक होने की संभावना बढ़ जाती हैं ।
इसलिये लकवे के मरीज को प्रतिदिन सेब का सेवन करना चाहिये जिससे उनका blood प्रेशर कण्ट्रोल में रहता हैं
पालक(Spinach):– FOOD FOR PARALYSIS PATIENT
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हरी पत्तेदार सब्जियां लकवे के मरीज के लिये बहुत ही फायदेमंद होती हैं । हरी पत्तेदार सब्जी जैसे पालक में पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं । पालक खाने से ब्लड प्रेशर कण्ट्रोल में रखा जा सकता हैं ।
हरी पत्तेदार सब्जियां रोज खाने से मरीज के शरीर में vitamin k ,B,E तथा folate की मात्रा पूरी हो जाती हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां मरीज के मानसिक focus को ठीक करती हैं जिससे उनकी याददाश्त मजबूत हो जाती हैं ।
TUNA मछली:-
लकवे के मरीज में बीमारी के कारण अवसाद उत्पन हो जाता हैं । जिससे उसमे बैचनी, घबराहट, उदासी आदि कई लक्षण दिखाई देने लगते हैं। एक अच्छा भोजन करने से ये सारे लक्षण दूर हो सकते हैं और मरीज मानसिक रूप से मजबूत बन सकता हैं ।
लकवे के मरीजों के लिये टूना मछली बहुत ही लाभदायक हो सकती हैं । टूना एक वसायुक्त मछली है जो पूरे शरीर में सकारात्मक हॉर्मोन एंडोर्फिन के स्तर को बढ़ा सकती है और मूड को ठीक कर सकती है। टूना में पाया जाने वाला अमीनो एसिड(amino acid ) ऊर्जा के स्तर को बढ़ा सकता है।
दही (Yogurt):–
लकवे के मरीज को सुरुवात में निगलने और चबाने में तकलीफ होती हैं । इसलिए, आपको ऐसे खाद्य पदार्थ खोजने होंगे जो खाने में आसान हों, जैसे कि दही। यह डेयरी उत्पाद प्रोटीन का अच्छा स्रोत है और बुजुर्गों को पेट भरा रख सकता है। दही में प्रचुर मात्रा में विटामिन, कैल्शियम और जिंक भी होता है जो हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकता है और बार-बार होने वाले स्ट्रोक के जोखिम को कम कर सकता है।
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Ye to pata hi nahi tha.
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