IMMUNITY क्या हैं ?Immunity kya hain?

नमस्कार दोस्तों! आज हम बात करेंगे IMMUNITY(इम्युनिटी) के बारे में

IMMUNITY

IMMUNITY क्या हैं ?Immunity kya hain?

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जैसा की हम सभी जानते हैं, आजकल हम सब बहुत ही बुरे दौर से गुजर रहे हैं। कोरोना वायरस एक बार फिर से पूरी दुनिआ को अपनी गिरफ्त में ले रहा हैं।

इसलिये हमें कोरोना वायरस से बचने के लिये जरूरी सावधानियाँ अपनानी चाहिये जैसे की मास्क पहनना और हाथ धोना।

IMMUNITY क्या हैं ?Immunity kya hain?

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बाहर के इन उपयों से तो हम कोरोना वायरस से हम छुटकारा पा सकते हैं, परन्तु एक और चीज़ हैं जो हमारे शरीर को अंदर से मजबूत बनाती हैं। जिसे हम IMMUNITY या  रोग प्रतिरोधक क्षमता कहते हैं ।

रोगों से लड़ने के लिये हमारे शरीर की IMMUNITY का STRONG होना बहुत ही जरूरी होता हैं। जिससे हमारा शरीर अंदर से मजबूत होता हैं और बाहरी बिमारियों और इन्फेक्शन्स से मजबूती से लड़ सकता हैं।

IMMUNITY क्या हैं ?Immunity kya hain?

आइये इस ARTICLE में हम जानते हैं की IMMUNITY क्या हैं? यह कितने प्रकार की होती हैं और इसे कैसे मजबूत किया जा सकता हैं ?

IMMUNITY क्या होती हैं? प्रतिरक्षा kya hoti hain?

प्रतिरक्षा एक व्यापक विषय हैं। IMMUNITY को हिंदी में रोग प्रतिरोधक क्षमता या प्रतिरक्षा भी कहा जाता हैं।

IMMUNITY शब्द लैटिन शब्द “IMMUNITAS ” से लिया गया हैं। प्रतिरक्षा हमारे शरीर की वह क्षमता हैं जो हमारे शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करती हैं। यह हमारे शरीर के एक कवच के रूप में कार्य करता हैं। जिसे हम IMMUNE SYSTEM के नाम से जानते हैं।

हमारे शरीर का IMMUNE SYSTEM  बिमारिओं से लड़ता हैं चाहे वह बीमारी किसी जीवाणु या वायरस के कारन हुई हो।  प्रतिरक्षा प्राकर्तिक होती हैं या अर्जित  भी की जा सकती हैं।

हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (IMMUNE SYSTEM ) रोग पैदा करने वाले सूक्ष्म जीवों से हमारे शरीर को बचाती हैं। ये सूक्ष्म जीव हमारे हमारे शरीर में बहुत से रोगों का कारण बनते हैं।

IMMUNE SYSTEM हमारे शरीर ओर रोगों के बीच में एक अवरोधक(BARRIER)  का काम करता हैं। प्रतिरक्षा प्रणाली(immune system)  एंटीजन को पहचानती हैं और संभावित हानिकारक पदार्थों से शरीर की रक्षा करती है। एंटीजन अणु (आमतौर पर प्रोटीन) कोशिकाओं(cells ), वायरस, कवक (fungi )या बैक्टीरिया की सतह पर होते हैं। विषाक्त पदार्थ, रसायन, दवाएं और विदेशी कण जैसे निर्जीव पदार्थ Antigens  हो सकते हैं। हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली उन पदार्थों को पहचानती है जिनमें ये एंटीजन होते हैं और उन्हें नष्ट कर देती है।

हमें जीवित और स्वस्थ रखने में हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली का प्रमुख स्थान होता  है। हमारी  प्रतिरक्षा प्रणाली विदेशी आक्रमणकारियों पर हमला करती है और आपके शरीर के भीतर बनाई गई उन कोशिकाओं को रोकती है जो आपके जीवन को खतरे में डाल सकती हैं। हमारे शरीर की कैंसर कोशिकाएं भी कभी-कभी हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली का लक्ष्य होती हैं।  रोगजनक(Pathogens ) जैसे ही आपके शरीर पर हमला करते हैं, प्रतिरक्षा प्रणाली सुरक्षा की एक श्रृंखला शुरू करती है।

हम हमारे शरीर के लक्षणों के द्वारा जान सकते हैं की हमारी  प्रतिरक्षा प्रणाली कब काम कर रही होती है। एक सुरक्षा प्रतिक्रिया के दौरान बुखार, सूजन और बहती नाक सभी हमारी  प्रतिरक्षा प्रणाली के लक्षणों के उदाहरण हैं। आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली किसी एक समस्या के लिए कई तरह से प्रतिक्रिया कर सकती है। चाकू के घाव के लिए एक प्रतिक्रिया होगी, बुखार के लिये अलग और जुकाम के लिए एक अलग प्रतिक्रिया होगी।

IMMUNITY के प्रकार:- Immunity kitne prakar ki hoti hain?

CDC के अनुसार   IMMUNITY दो प्रकार की होती हैं |

INNATE (जन्मजात इम्युनिटी)

ADAPTIVE (अर्जित इम्युनिटी)

INNATE (जन्मजात इम्युनिटी):-

इसे हम NON-SPECIFIC IMMUNITY भी कहते हैं। यह हमारे शरीर की इम्युनिटी की पहली लाइन हैं। यह तुरंत परिणाम देती हैं। यह किसी विशेष रोग पैदा करने वाले जीवाणु के लिए नहीं होती हैं। इस तरह की प्रतिरक्षा ज्यादा लम्बे समय तक  नहीं चल पाती हैं।

INNATE IMMUNITY हमारे शरीर को लंबे समय तक चलने वाली प्रतिरक्षा प्रदान नहीं करती हैं। इस प्रकार की IMMUNITY जीवन के सभी वर्गों में पाई जाती हैं जैसे पशु, पक्षी , जानवर और इंसान।

INNATE IMMUNITY के तीन प्रमुख घटक हैं:-

1. Physical Barrier

2. Cellular Components

3. Humoral Response

ADAPTIVE IMMUNITY (अर्जित इम्युनिटी):-

यह हमारे शरीर के IMMUNE SYSTEM की दूसरी पंक्ति हैं। ADAPTIVE IMMUNITY हमारे शरीर को किसी विशेष रोगजनक जीवाणु से विशेष सुरक्षा प्रदान करती हैं ।

यह किसी भी वायरस के संपर्क में आने के बाद प्रारंभिक सुरक्षा प्रदान करती हैं। यह रोगजनक वायरस को रोकती हैं तथा बीमारी को रोकती हैं।

ADAPTIV IMMUNITY हमारे शरीर को लंबे समय तक सुरक्षा प्रदान करती हैं|

Adaptive immunity को भी दो भागों में बांटा जा सकता हैं:-

1. active immunity

2. passive immunity    

आजकल हमारी बदलती हुई जीवनशैली का हमारी Immunity पर बहुत असर पड़ता हैं। हमारे खाने पीने की आदतें हमारी Immunity पर बहुत असर डालती हैं ।

सक्रिय प्रतिरक्षा (Active immunity):-

Active immunity तब सक्रिय होती हैं जब हमारा शरीर  किसी रोगग्रस्त जीव के संपर्क में आता हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली उस रोग से लड़ने  के लिये शरीर में  एंटीबॉडी बनाने लगती है। सक्रिय प्रतिरक्षा दो प्रकार से प्राप्त की जा सकती हैं जैसे प्राकृतिक प्रतिरक्षा या वैक्सीन-प्रेरित प्रतिरक्षा ।

एक्टिव इम्युनिटी का सबसे अच्छा उदहारण हैं सामान्य सर्दी या जुकाम का होना , जब कभी हमें सर्दी या जुकाम होता हैं तो शरीर अपने आप इससे लड़ने के लिये antibodies बना लेता हैं इसीलिये सामान्य सर्दी और जुकाम कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाते हैं।

स्वाभाविक रूप से अर्जित (Naturally Acquired)

स्वाभाविक रूप से प्राप्त सक्रिय प्रतिरक्षा तब होती है जब कोई व्यक्ति जीवित रोगज़नक़ के संपर्क में आता है, रोग विकसित होता है, और फिर प्रतिरक्षा विकसित होती है।

एक बार जब कोई सूक्ष्म जीव शरीर की त्वचा (body’s skin), श्लेष्म झिल्ली(mucous membranes), या अन्य प्राथमिक सुरक्षा में प्रवेश करता है, तो यह प्रतिरक्षा प्रणाली के साथ संपर्क करता है। शरीर में बी-कोशिकाएं (B-Cells) एंटीबॉडी बनाना शुरू कर देती हैं जो हमलावर रोगाणुओं (Microbes)  से लड़ने में मदद करती हैं। रोगज़नक़ के विरुद्ध उत्पन्न प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया (Immune Response) को विकसित होने में कई दिन या सप्ताह लगते हैं लेकिन यह लंबे समय तक चलने वाली या आजीवन भी हो सकती है।

उदाहरण के लिए हेपेटाइटिस ए वायरस (HAV ) और उसके बाद ठीक होने पर, एक प्राकृतिक सक्रिय प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न होती है जिससे आमतौर पर आजीवन सुरक्षा मिलती है।

 

Artificially Acquired

इस प्रकार की इम्युनिटी कृत्रिम रूप से प्राप्त की जाती हैं इसमें एक  विशेष एंटीजन को  टीकाकरण द्वारा दिया जाता हैं जिसे vaccination कहा जाता हैं । कृत्रिम रूप से एंटीजन को एक सुरक्षित रूप देकर, शरीर अपने स्वयं के एंटीबॉडी बनाने लगता हैं और, अधिक महत्वपूर्ण बात, उनकी सतह पर उच्च आत्मीयता वाले बी-सेल रिसेप्टर्स के साथ  लंबे समय तक रहने वाली बी-मेमोरी (B-Cells) कोशिकाओं का विकास करता हैं ।

यदि बाद में शरीर फिर से उसी एंटीजन के संपर्क में आता है, तो स्मृति कोशिकाएं सुरक्षा के लिए उपयुक्त एंटीबॉडी का तत्काल और तेजी से उत्पादन करेंगी।

इसका सबसे बड़ा उदहारण Corona Virus था जिसके लिये सबसे बड़ा vaccination अभियान चला

कुछ टीके एकल खुराक यानि single dose  के रूप में दिए जाते हैं, लेकिन  कुछ अन्य टीके  हफ्तों के अंतराल पर तीन खुराक के कोर्स के रूप में दिए जाते हैं। कुछ टीकों को मूल टीकाकरण के पांच से दस साल बाद ‘बूस्टर खुराक'(Booster Dose)  की भी आवश्यकता होती है। प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाने और पर्याप्त स्तर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक है।

एक बार टीकाकरण होने के बाद प्रदान की गई सुरक्षा आमतौर पर कई वर्षों तक या जीवन भर तक रहती है। यह टीकाकरण को लंबे समय तक चलने वाली प्रतिरक्षा देने का एक अत्यधिक प्रभावी तरीका बनाता है।

निष्क्रिय प्रतिरक्षा (Passive Immunity)

इस प्रकार की immunity एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तैयार एंटीबॉडी के स्थानांतरण द्वारा प्राप्त की जा सकती हैं । निष्क्रिय प्रतिरक्षा स्वाभाविक रूप से हो सकती है, जैसे कि जब मातृ एंटीबॉडी (Maternal Antibodies) को नाल के माध्यम से भ्रूण में स्थानांतरित किया जाता है,

Passive Immunity का उपयोग तब किया जाता है जब संक्रमण का खतरा अधिक होता है और शरीर को अपनी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया विकसित करने, या चल रहे रोगों के लक्षणों को कम करने के लिए अपर्याप्त समय होता है। निष्क्रिय प्रतिरक्षा तत्काल सुरक्षा प्रदान करती है, लेकिन शरीर में स्मृति विकसित नहीं होती है, इसलिए रोगी को बाद में उसी रोग से संक्रमित होने का खतरा होता है

Naturally Acquired Passive Immunity

स्वाभाविक रूप से प्राप्त निष्क्रिय प्रतिरक्षा

गर्भावस्था के दौरान एक भ्रूण स्वाभाविक रूप से अपनी मां से निष्क्रिय प्रतिरक्षा प्राप्त करता है। मातृ निष्क्रिय प्रतिरक्षा एंटीबॉडी-मध्यस्थ प्रतिरक्षा है। मां की एंटीबॉडीज (MatAb) प्लेसेंटा कोशिकाओं पर FcRn रिसेप्टर द्वारा प्लेसेंटा के माध्यम से भ्रूण तक पहुंचाई जाती हैं। यह गर्भधारण के तीसरे महीने के आसपास होता है। आईजीजी (IgG)  एकमात्र एंटीबॉडी आइसोटाइप है जो प्लेसेंटा से गुजर सकता है।

निष्क्रिय प्रतिरक्षा भी स्तन के दूध में पाए जाने वाले IgA एंटीबॉडी के हस्तांतरण के माध्यम से प्रदान की जाती है जो एक नर्सिंग शिशु की आंत में स्थानांतरित हो जाती है, बैक्टीरिया के संक्रमण से रक्षा करती है, जब तक कि नवजात शिशु अपने एंटीबॉडी को संश्लेषित नहीं कर लेता। माँ के दूध में मौजूद कोलोस्ट्रम (Colostrum)  निष्क्रिय प्रतिरक्षा का एक उदाहरण है।

Artificially Acquired Passive Immunity

कृत्रिम रूप से अर्जित निष्क्रिय प्रतिरक्षा

 

इस प्रकार की immunity एक छोटे समय के लिये टीकाकरण से प्राप्त की जा सकती हैं इसमें एंटीबॉडी का स्थानांतरण होता  है, जिसे कई रूपों में प्रशासित किया जा सकता है; जैसे मानव रक्त प्लाज्मा के रूप में, अंतःशिरा (IVIG ) या intramuscular इंट्रामस्क्युलर (IG) उपयोग के लिए एकत्रित मानव इम्युनोग्लोबुलिन(human immunoglobulin) के रूप में।

इसका उपयोग कई प्रकार के तीव्र संक्रमणों के उपचार में भी किया जाता है। निष्क्रिय टीकाकरण से प्राप्त प्रतिरक्षा केवल थोड़े समय के लिए रहती है, और विशेष रूप से गैर-मानव मूल के गामा ग्लोब्युलिन(gamma globulins) से अतिसंवेदनशीलता प्रतिक्रियाओं और सीरम बीमारी का भी संभावित खतरा होता है।

संक्रामक रोग के इलाज के लिए निष्क्रिय प्रतिरक्षा की कृत्रिम प्रकारों का उपयोग एक सदी से भी अधिक समय से किया जा रहा है, और एंटीबायोटिक दवाओं के आगमन से पहले, यह अक्सर कुछ संक्रमणों के लिए एकमात्र विशिष्ट उपचार था।

 

FREQUENTLY ASKED QUESTIONS

सवाल: प्रतिरक्षण (immunity) क्या होता है ?

उत्तर: Immunity एक प्रकार की रोग प्रतिक्रिया है जिसमें शरीर अनुकूलित बन जाता है ताकि यह विदेशी किरणों (Foreign Rays) , कीटाणुओं (Germs)  और अन्य जीवाणुओं (Bacteria)  के खिलाफ लड़ सके। यह प्रतिक्रिया शरीर को संरक्षित रखने में मदद करती है।

 

सवाल: प्राकृतिक प्रतिरक्षण (Natural Immunity) कैसे बढ़ाएं?

उत्तर: प्राकृतिक प्रतिरक्षण को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित कदम उपयोगी हो सकते हैं:

स्वस्थ आहार खाना: फल, सब्जियां, अंडे, दही और अन्य प्रोटीन स्रोतों को शामिल करके आपकी प्रतिरक्षण क्षमता को बढ़ावा मिल सकता है।

पर्याप्त नींद: नियमित और पर्याप्त नींद लेने से आपकी शरीर की प्रतिरक्षा मजबूत हो सकती है।

नियमित व्यायाम: योग, प्राणायाम और व्यायाम से आपकी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं, जिससे immunity में वृद्धि हो सकती है।

स्वच्छता और हाथ धोना: समय-समय पर हाथ धोने और स्वच्छता का ध्यान रखने से आप बीमारियों से बच सकते हैं।

स्ट्रेस प्रबंधन (Stress Management) : स्ट्रेस को कम करने के लिए मेडिटेशन, ध्यान और शांति भरे गतिविधियों का पालन करना फायदेमंद हो सकता है।

 

सवाल: खाद्य पदार्थों में ऐसे कौन-कौन से तत्व होते हैं जो प्रतिरक्षण को बढ़ावा देते हैं?

उत्तर: निम्नलिखित खाद्य पदार्थ प्रतिरक्षण को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं:

विटामिन C (Vitamin-C)  : नींबू, आम, संतरा, अमरूद आदि में पाया जाता है, जो प्रतिरक्षण को मजबूती प्रदान कर सकता है।

विटामिन D: सूरज की किरणों से मिलने वाला विटामिन D शरीर की प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण हो सकता है।

जिंक (Zinc) : जिंक खाद्य पदार्थों में मछली, अंडे, मुर्गे के मांस, दाल आदि में पाया जाता है और Immunity को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।

 

सवाल: क्या वैक्सीनेशन (Vaccination) प्रतिरक्षण को बढ़ावा देता है?

उत्तर: हां, वैक्सीनेशन शरीर को विशिष्ट बीमारियों के खिलाफ लड़ने में मदद करता है। वैक्सीनेशन शरीर को विशिष्ट जीवाणु या कीटाणु के खिलाफ immunity प्रदान करता है, जिससे यदि व्यक्ति उस जीवाणु या कीटाणु से संपर्क में आता है, तो उसकी बीमारी का खतरा कम होता है।

 

सवाल: क्या नियमित व्यायाम immunity को बढ़ावा देता है?

उत्तर: जी हां, नियमित व्यायाम आपकी प्रतिरक्षण क्षमता को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है। योग, व्यायाम और प्राणायाम से आपके शरीर की कुछ क्षमताएँ और भी मजबूत हो सकती हैं, जो आपको बीमारियों से बचाने में मदद कर सकती हैं।

धन्यवाद

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