Bronchitis in hindi / ब्रोंकाइटिस हिंदी में

Bronchitis in Hindi

Bronchitis in Hindi

Bronchitis: वायुमार्ग की सूजन(Airways inflammation), छाती में सर्दी के रूप में भी जाना जाता है

Table of Contents

Bronchitis (Airways inflammation)

Bronchitis in Hindi

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Bronchitis तब होता हैं जब Bronchial Tubes में सूजन आ जाती हैं और वे सिकुड़ जाती हैं। इसमें श्वसन प्रणाली (Respiratory System) और ब्रांकिओल्स (Bronchioles) शामिल होते हैं।

Bronchial Tubes हमारे फेफड़ो से जुड़ी होती हैं जिनके कारण फेफड़ो से हवा आती-जाती हैं। जब ये नलियां सूज जाती हैं तो इनमे से हवा आसानी से आ-जा नहीं पाती हैं। चूंकि यह एक श्वसन स्थिति है, इसमें बलगम के साथ या बिना बलगम के बार-बार खांसी आना, थकान, बुखार और सांस लेते समय घरघराहट या सीटी की आवाज आना जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

Bronchitis वैसे तो किसी भी उम्र में हो सकता हैं परन्तु यह आमतौर पर 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में देखा जाता है। यह दोनों स्त्री और पुरुष दोनों में हो सकता हैं। NIH  के द्वारा 2015 में किये गये एक शोध के अनुसार दुनिया भर में: 3.4%-22.0% लोग Bronchitis से ग्रसित होते हैं। एक NGO हैं जो इस विषय पर अच्छा काम कर रहा है COPD FOUNDATION

ब्रोंकाइटिस के लक्षण (Symptoms Of Bronchitis)-Bronchitis In Hindi

श्वसन प्रणाली (Respiratory System) में मौजूद ब्रोन्किओल्स (Bronchioles) और ब्रांकाई (Bronchi) में वायुमार्ग या नलिकाएं होती हैं जो नाक से ली गई हवा को फेफड़ों तक ले जाती हैं। साँस लेने के बाद, हवा नाक में प्रवेश करती है, स्वरयंत्र (larynx) को पार करती है और श्वासनली (Trachea) में प्रवेश करती है।

श्वासनली (Trachea) पहले दो वायुमार्गों में विभाजित होती है जिन्हें दायां ब्रोन्कस (Right Bronchus) और बायां ब्रोन्कस (Left Bronchus) कहा जाता है। ये ब्रोन्कस (Bronchus) आगे चलकर कई छोटे ब्रोन्किओल्स (Bronchioles) में विभाजित हो जाते हैं और अंततः क्रमशः दाएं और बाएं फेफड़े को हवा की आपूर्ति करते हैं। ब्रांकाई में होने वाली किसी भी सूजन को ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) के रूप में जाना जाता है।

ब्रोंकाइटिस तीव्र या दीर्घकालिक हो सकता है और प्रकार के आधार पर लक्षण थोड़े भिन्न हो सकते हैं।

ब्रोंकाइटिस के कारण (Due to Bronchitis)-Bronchitis In Hindi

आपको ब्रोंकाइटिस होने की संभावना अधिक हो सकती हैं  यदि आप:-

धूम्रपान करने वाले हैं

श्वसन संबंधी बीमारियों का पारिवारिक इतिहास हो

ऐसे उद्योग में काम करना जो आपको फेफड़ों में जलन पैदा करता हो जैसे पेंट या WOODEN पॉलिश का काम

अस्थमा या एलर्जी संबंधी रोग हों

कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) हो

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ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) दो प्रकार का होता हैं :-Bronchitis in Hindi

तीव्र (Acute)

क्रोनिक (Chronic)

तीव्र ब्रोंकाइटिस (Acute Bronchitis):- -Bronchitis In Hindi

अक्सर मौसमी वायरल फ्लू जैसे हल्के संक्रमण (Infection) के कारण होता है या एलर्जी (Allergy) संबंधी कारणों से भी हो सकता है। तीव्र ब्रोंकाइटिस (Acute Bronchitis), यदि हल्का हो, तो घरेलू उपचार, ओटीसी उत्पादों और एंटी-एलर्जी (Anti-Allergic) दवाओं से प्रबंधित किया जा सकता है, लेकिन गंभीर मामलों में डॉक्टर से परामर्श या तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता हो सकती है।

तीव्र ब्रोंकाइटिस के लक्षण (Symptoms of Acute Bronchitis)

तीव्र ब्रोंकाइटिस (Acute Bronchitis) के लक्षण एक या दो सप्ताह तक रहते हैं और आमतौर पर कोई दीर्घकालिक प्रभाव नहीं डालते हैं। तीव्र ब्रोंकाइटिस के साथ निम्नलिखित लक्षण देखे जाते हैं:

लगातार खांसी

खांसी के साथ बलगम आना, जो रंगहीन या पीला हो सकता है। कभी-कभी, यह हरा या खून-रंग वाला थूक हो सकता है।

बहती हुई या भरी हुई नाक

गला खराब होना

सीने में दर्द या जकड़न

सांस लेने के दौरान घरघराहट या सीटी की आवाजें सुनाई दे सकती हैं

चलते समय या आराम करते समय सांस फूलना

बुखार, ठंड लगना, कमजोरी और शरीर में दर्द

चक्कर आना और भ्रम होना

शरीर में ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी होना

तीव्र ब्रोंकाइटिस के कारण (Causes of Acute Bronchitis)

संक्रमण (Infection):-Bronchitis in Hindi

तीव्र ब्रोंकाइटिस (Acute Bronchitis) Respiratory Tract के वायरल या जीवाणु संक्रमण के कारण हो सकता है। वही वायरस जो सामान्य सर्दी या फ्लू (Flu) का कारण बनते हैं, वही तीव्र ब्रोंकाइटिस का कारण भी बन सकते हैं। यदि आप किसी ऐसे मरीज के करीब हैं जिसे सांस की कोई पुरानी बीमारी है तो वायरस और बैक्टीरिया आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। जब कोई मरीज़ खांसता या छींकता है, तो सूक्ष्मजीवों से भरी लाखों छोटी बूंदें हवा में फैल जाती हैं। अगर आप ऐसी दूषित हवा में सांस लेते हैं तो आप भी किसी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।

जलन पैदा करने वाले पदार्थों को अंदर लेना (Inhalation of Irritant Substances):-Bronchitis in Hindi

धूल के कण, धुआं और औद्योगिक प्रदूषक जैसे छोटे रेशे, एस्बेस्टस कणिकाएं, एसिड के धुएं आदि को अंदर लेने से भी वायुमार्ग में सूजन हो सकती है और तीव्र ब्रोंकाइटिस हो सकता है।

मौसमी परिवर्तन (Seasonal changes):-Bronchitis in Hindi

कुछ लोगों के लिए, मौसमी परिवर्तन भी एलर्जी का कारण बनता हैं जिससे तीव्र ब्रोंकाइटिस का खतरा बढ़ जाता हैं। ऐसा देखा गया है कि सर्दियों के मौसम के दौरान ज्यादातर लोगों को हर साल तीव्र ब्रोंकाइटिस हो जाता हैं।

 

क्रोनिक ब्रोंकाइटिस (Chronic Bronchitis):- -Bronchitis In Hindi

क्रोनिक ब्रोंकाइटिस (Chronic Bronchitis) एक लगातार या बहुत समय तक चलने वाली बीमारी है जिसके लक्षणों को ठीक करने के लिये आजीवन उपचार की आवश्यकता होती है और यह लंबे समय में मृत्यु का कारण हो सकता हैं। धूम्रपान और लंबे समय तक वायु प्रदूषकों के संपर्क में रहना क्रोनिक ब्रोंकाइटिस (Chronic Bronchitis) का सबसे आम कारण है। क्रोनिक ब्रोंकाइटिस एक गंभीर साँस के रोग से जुड़ा है जिसे क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) कहा जाता है।

क्रोनिक ब्रोंकाइटिस (Chronic Bronchitis), अगर ध्यान न दिया जाए, तो वातस्फीति (Emphysema) जो एक प्रकार का श्वसन रोग है, जो क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) का कारण बन सकता है, जो एक गंभीर श्वसन विकार है जो जीवन के लिए खतरा भी हो सकता है।

Chronic Obstructive Pulmonary Disease
Bronchitis in Hindi

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क्रोनिक ब्रोंकाइटिस के लक्षण (Symptoms of Chronic Bronchitis)

जब तीव्र ब्रोंकाइटिस (Acute Bronchitis) के लक्षण लंबे समय तक रहते हैं और बार-बार होते रहते हैं, तो यह क्रोनिक ब्रोंकाइटिस (Chronic Bronchitis) का मामला हो सकता है, जो एक निरंतर चलने वाली बीमारी है। क्रोनिक ब्रोंकाइटिस को खांसी के रूप में जाना जाता है जो लगातार दो या अधिक वर्षों तक कम से कम तीन महीने तक जारी रह सकती है।

क्रोनिक ब्रोंकाइटिस के कारण (Causes of Chronic Bronchitis)

वायु प्रदूषण (Air Pollution):-Bronchitis in Hindi

प्रदूषित क्षेत्रों में रहने और लगातार प्रदूषित हवा में सांस लेने से क्रोनिक ब्रोंकाइटिस(Chronic Bronchitis) का विकास हो सकता है।

औद्योगिक जोखिम: ऐसे उद्योगों में काम करना जहां व्यक्ति लगातार छोटे-छोटे रेशों, धूल, धुएं, एसिड के धुएं आदि के संपर्क में रहता है, जो फेफड़ों को परेशान करते हैं, जिससे क्रोनिक ब्रोंकाइटिस(Chronic Bronchitis) हो सकता है।

धूम्रपान (Smoking):-Bronchitis in Hindi

लंबे समय तक सक्रिय या निष्क्रिय रूप से धूम्रपान करना (जब कोई और धूम्रपान कर रहा हो तो धूम्रपान के संपर्क में आना), क्रोनिक ब्रोंकाइटिस (Chronic Bronchitis) के कारणों में से एक है।

क्या आपको पता है कि तम्बाकू का धुआं 7,000 से अधिक रसायनों और यौगिकों का जहरीला मिश्रण है?

धूम्रपान का श्वसन तंत्र (Respiratory System) पर सीधा प्रभाव पड़ता है, फेफड़ों पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। धूम्रपान मूल रूप से 7,000 से अधिक रसायनों और यौगिकों का एक जहरीला मिश्रण है। जब भी आप धूम्रपान करते हैं या साँस लेते हैं तो ये यौगिक तुरंत फेफड़ों तक पहुँच जाते हैं। यह समय के साथ शरीर के अन्य हिस्सों की कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचाता है। लेकिन धूम्रपान आमतौर पर फेफड़ों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है।

 

ब्रोंकाइटिस का निदान(Diagnosis Of Bronchitis)-Bronchitis In Hindi

तीव्र ब्रोंकाइटिस (Acute Bronchitis) आमतौर पर श्वसन वायरस (Respiratory Virus) के कारण होता है। ज्यादातर मामलों में, यह एक स्व-सीमित बीमारी (Self-limiting Disease) है जो 8 से 10 दिनों के भीतर ठीक हो जाती है। डॉक्टर आमतौर पर तीव्र ब्रोंकाइटिस (Acute Bronchitis) के लिए किसी जांच का सुझाव नहीं देते हैं क्योंकि निदान ज्यादातर रोगी के इतिहास और नैदानिक लक्षणों पर आधारित होता है। जब लक्षण गंभीर या आवर्ती हों और 8 से 10 दिनों के भीतर ठीक न हों तो प्रयोगशाला जांच (Lab Tests) और इमेजिंग अध्ययन (Imaging studies) की आवश्यकता हो सकती है।

प्रयोगशाला जांच (Lab Test)-Bronchitis in Hindi

  1. रक्त परीक्षण (Blood Test): रोगी को गंभीर संक्रमण या सूजन होने का संदेह है या नहीं, इसका मूल्यांकन करने के लिए पूर्ण रक्त गणना (CBC), एरिथ्रोसाइट अवसादन दर (ESR), सी-रिएक्टिव प्रोटीन (CRP), आदि जैसे रक्त परीक्षण की आवश्यकता हो सकती है।
  2. पल्मोनरी फंक्शन परीक्षण (Pulmonary function test): पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट ऐसे परीक्षण हैं जो वायुमार्ग की कार्यप्रणाली का अध्ययन करते हैं और ब्रोन्कोडायलेटर (Bronchodilator) दवाओं के प्रति उनकी संवेदनशीलता निर्धारित करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। वे क्रोनिक ब्रोंकाइटिस(Chronic Bronchitis) और सीओपीडी(COPD) का मूल्यांकन करने के लिए एक महत्वपूर्ण Test हैं

इमेजिंग अध्ययन (Imaging studies)-Bronchitis in Hindi

एक्स-रे चेस्ट पीए व्यू (X-Ray Chest PA) और एचआरसीटी चेस्ट (HRCT)प्लेन का उपयोग फेफड़ों और वायुमार्गों को देखने के लिए किया जाता है। जिससे साँस सम्बन्धी लक्षणों के बारे में पता चल सके और उनका सटीक इलाज़ किया जा सके।

ब्रोंकाइटिस की रोकथाम (Prevention Of Bronchitis)- Bronchitis In Hindi

हालांकि ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) किसी को भी प्रभावित कर सकता है और इसे पूरी तरह से रोकना संभव नहीं है, लेकिन कुछ सावधानियां और जीवनशैली में बदलाव ब्रोंकाइटिस को बार-बार होने से रोकने में मदद कर सकते हैं।

जब लोग धूम्रपान कर रहे हों तो उनके आसपास न रहें  और खुद भी धूम्रपान न करें

जब आप धूल, धुएं के संपर्क में हों तो मास्क पहनें

अपने हाथ बार-बार धोएं और अपनी आंखों, कानों और मुंह को बार-बार न छुएं

हर साल फ्लू का टीका लगवाएं

ज्यादातर मामलों में, जब तक आप बीमार न हों या किसी श्वसन संबंधी समस्या से पीड़ित न हों, तब तक आपके अंदर पर्याप्त मात्रा में कफ उत्पन्न नहीं होता है। लेकिन कफ की उपस्थिति (जिसे थूक के रूप में जाना जाता है) आपके फेफड़ों या साइनस में एलर्जी, जलन या संक्रमण की उपस्थिति का संकेत दे सकती है। इसके अलावा, कफ के रंग से आप अपनी स्वास्थ्य समस्या का अंदाजा लगा सकते हैं।

Bronchitis का इलाज़:-Bronchitis In Hindi

ब्रोंकाइटिस का उपचार अधिकतर स्थिति के प्रकार और गंभीरता पर आधारित होता है। सुझाए गए कुछ सबसे आम उपचारों में शामिल हैं:

  1. फिजियोथेरेपी और फुफ्फुसीय पुनर्वास (Physiotherapy and pulmonary rehabilitation)-Bronchitis in Hindi

Postural drainage के लिए फिजियोथेरेपी अभ्यास छाती में स्राव को प्रभावी ढंग से ढीला करते हैं और बलगम को आसानी से बाहर निकालने में मदद   करते हैं। पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन अभ्यासों में सांस लेने की तकनीकें शामिल होती हैं और समय के साथ धीरे-धीरे एरोबिक व्यायामों की ओर प्रगति होती          है ताकि रोगी के फेफड़ों की क्षमता में सुधार करने और उनके श्वसन तंत्र को मजबूत करने में मदद मिल सके। पल्मोनरी पुनर्वास क्रोनिक ब्रोंकाइटिस  और COPD प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

Postural drainage एक ऐसी तकनीक है जिसमें गुरुत्वाकर्षण का उपयोग करके आपके वायुमार्ग से जमा हुए बलगम को निकालने के लिए मरीज़ को  कुछ विशेष  स्थितियों में लिटाया या बिठाया जाता है

  1. तीव्र ब्रोंकाइटिस उपचार (Acute bronchitis treatment)-Bronchitis in Hindi

तीव्र ब्रोंकाइटिस का उपचार अधिकतर रोगसूचक होता है और इसमें निम्न शामिल हैं:

बुखार को नियंत्रित करने के लिए पेरासिटामोल (Paracetamol) जैसी ज्वरनाशक दवाओं का उपयोग किया जाता है।

साल्बुटामोल (Salbutamol) और आईप्रेट्रोपियम ब्रोमाइड (Ipratropium Bromide) जैसे ब्रोंकोडाइलेटर (Bronchodilators) सांस लेने में सुधार करते          हैं।

एंटीट्यूसिव (Antitussives) और एक्सपेक्टोरेंट(Expectorant) सिरप खांसी और छाती में जमाव को कम करने में मदद करते हैं। एंटीट्यूसिव्स खांसी  को  दबाने में मदद करते हैं जबकि एक्सपेक्टोरेंट बलगम को आसानी से बाहर निकालने में मदद करते हैं।

लोज़ेंजेस(Lozenges) खांसी की अनुभूति को कम करके सुखदायक प्रभाव प्रदान करते हैं।

यदि आपके डॉक्टर को अतिरिक्त जीवाणु संक्रमण का संदेह हो तो एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) (शायद ही कभी) दी जा सकती हैं।

  1. क्रोनिक ब्रोंकाइटिस उपचार (Chronic Bronchitis Treatment)-Bronchitis in Hindi

क्रोनिक ब्रोंकाइटिस (Chronic Bronchitis) एक लगातार चलने वाली बीमारी है जिसमें खांसी के साथ-साथ अतिरिक्त उपचार की आवश्यकता होती है। उपचार में शामिल हो सकते हैं:

एंटीट्यूसिव (Antitussive) दवाएं जिनका उपयोग क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और COPD से जुड़ी पुरानी खांसी के इलाज के लिए किया जाता है।

क्रोनिक ब्रॉन्काइटिस और COPD में देखी जाने वाली वायुमार्ग की सूजन को राहत देने के लिए ब्रोन्कोडायलेटर्स (Bronchodilators) जैसे सैल्मेटेरोल (Salmeterol) और टियोट्रोपियम (Tiotropium) और फ्लुटिकासोन (Fluticasone  ) और बेक्लोमीथासोन (Beclomethasone) जैसी स्टेरॉयड दवाएं  निर्धारित की जाती हैं।

Hypoxia (ऑक्सीजन की कमी) जैसी गंभीर बीमारी वाले मरीजों से निपटने के लिए घर पर ऑक्सीजन की आवश्यकता हो सकती है।

मरीज़ की परिस्तिथि के अनुसार कुछ दवाइयों के द्वारा मरीज का इलाज़ किया जा सकता हैं जैसे

बुखार के लिये Paracetamol ,

ब्रोंकोडाईलेटर्स (Bronchodilators) : Salbutamol and Ipratropium bromide

खांसी के लिये Antitussives and Expectorant syrups

खांसी में चूसने के लिये Lozenges

Antibiotics

Complications of Bronchitis-Bronchitis in hindi

ब्रोंकाइटिस, चाहे वह Acute हो या Chronic, गंभीर स्थिति जानलेवा हो सकती हैं:-

दमा (Asthma)

सीओपीडी (COPD)

वातस्फीति (Emphysema)

वातिलवक्ष (Pneumothorax)

न्यूमोनिया (Pneumonia)

फेफड़े का पतन  (Lung Collapse)

क्रोनिक हाइपोक्सिया (Chronic Hypoxia)

सांस की विफलता (Respiratory Failure)

FREQUENTLY ASKED QUESTIONS

Q. ब्रोंकाइटिस हो तो  क्या करें और क्या न करें?

A. सबसे पहले और सबसे मह्त्वपूर्ण परहेज धूम्रपान न करें। जब हवा प्रदूषित हो या आप धुएं,  पेंट या घरेलू क्लीनर, या धूल जैसे जलन पैदा करने वाले पदार्थों के संपर्क में हों तो मास्क अवश्य पहनें। Humidifier का प्रयोग करें क्योंकि गर्म और नम हवा खांसी से राहत दिलाने में मदद करती है और आपके वायुमार्ग में जमा हुए बलगम को ढीला करती है।

Q. ब्रोंकाइटिस किस किस को हो सकता है?

A. आप यदि किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में हैं जिसे सर्दी, खांसी या तीव्र ब्रोंकाइटिस है तो आपको ब्रोंकाइटिस होने का खतरा सबसे अधिक होता  है। या आपने कोई फ्लू से बचाने वाली VACCINE ना ली हो तो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली फ्लू को नहीं रोक पाती हैं।

और यदि आप तम्बाकू के धुएं या किसी भी प्रकार के धुएं, धूल और वायु प्रदूषण फ़ैलाने वाले रसायनों जो फेफड़ों में किसी भी प्रकार की जलन पैदा कर सकते हैं जैसे पेंट, या कोई CHEMICAL आदि  के संपर्क में ज्यादा रहते हैं तो आपको BRONCHITIS होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता  हैं।

Q. क्या ब्रोंकाइटिस एक आनुवंशिक रोग है?

A. ब्रोंकाइटिस एक आनुवंशिक रोग नहीं है, परन्तु BRONCHITIS किसी भी आनुवंशिकी बीमारी के विकास का एक सहायक कारण हो सकती है।

ब्रोंकाइटिस से राहत पाने के लिए हम  कौन कौन  से खाद्य पदार्थो का सेवन कर सकते हैं?

तजा फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज का सेवन भरपूर मात्रा में करना चाहिये । आप कम वसा वाले मांस, चिकन, मछली और कम वसा या बिना वसा वाले डेयरी उत्पाद भी खा सकते हैं।

Q. व्यायाम के द्वारा हम BRONCHITIS से कैसे राहत पा सकते हैं ?

A. व्यायाम का हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान हैं। व्यायाम के द्वारा हम कई बिमारिओं को ठीक कर सकते हैं। इनमे BRONCHITIS भी एक हैं, क्योंकि यह एक श्वसन तंत्र से जुडी बीमारी हैं। हमारे शरीर के वज़न का इस पर बहुत प्रभाव पड़ता हैं।

अच्छे आहार के साथ-साथ व्यायाम भी आपके वजन को नियंत्रण में रख सकता हैं , क्योंकि अधिक वजन से सांस लेना कठिन हो जाता है। और साँस सम्बन्धी समस्याएं पैदा होने लगती हैं।

धन्यवाद

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