CHOLESTEROL IN HINDI – A COMPLETE GUIDE / कोलेस्ट्रॉल – एक संपूर्ण मार्गदर्शिका

CHOLESTEROL IN HINDI

आज हम बात करेँगे Cholesterol के बारे में वो भी Hindi में, यानि CHOLESTEROL IN HINDI । आजकल बढ़ा हुआ CHOLESTEROL एक आम समस्या बनती जा रही हैं । हर आयुवर्ग का व्यक्ति इस बीमारी से जूझ रहा हैं । आजकल की Stress से भरी हुई और Busy Life इसका एक मुख्य कारण हैं । तो आईये चले विस्तार से जानते हैं CHOLESTEROL के बारे में वो भी हिंदी भाषा में यानि CHOLESTEROL IN HINDI

CHOLESTEROL IN HINDI

 

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कोलेस्ट्रॉल शब्द यूनानी शब्द कोले (Kole) और Steareos (ठोस) से मिलकर बना है और इसमें रासायनिक प्रत्यय ओल लगा हुआ है। 1769 में Francois Pultier de La Salle द्वारा ठोस रूप में इसकी पहचान की गई थी । 1815 में रसायनशास्त्री Eugene Churwell ने इसका नामकरण Cholesterol के रूप में किया था ।

मानव शरीर को कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता मुख्यतः कोशिकाओं के निर्माण (Cells formation) के लिए, हारमोन के निर्माण (Hormones formation) के लिए और बाइल जूस के निर्माण (Bile Juice formation) करने के लिये होती है। Bile जूस जो वसा (Fat) के पाचन में मदद करता है ।

Cholesterol एक मोम जैसा पदार्थ होता है, जो हमारे शरीर में यकृत (Liver) द्वारा बनाया जाता है। यह सभी पशुओं और मनुष्यों के शरीर के हर भाग में पाया जाता है। कोलेस्ट्रॉल कोशिका झिल्ली (Cell Membrane) में तरलता प्रदान करता है।

कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर में विटामिन डी (Vitamin-D), हार्मोन्स (Hormones) और Bile यानि पित्त का निर्माण करता है, जो शरीर के अंदर पाए जाने वाले वसा को पचाने में भी मदद करता है।

ज्यादातर मांसाहारी आहार यानी अंडे, मांस, मछली और डेयरी उत्पाद इसके प्रमुख स्रोत होते हैं।अनाज, फल और सब्जियों में कोलेस्ट्रॉल नहीं पाया जाता हैं। शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लगभग 25-30 %  प्रतिशत उत्पादन यकृत (Liver) के माध्यम से होता है।

यदि रक्त में कोलेस्ट्रॉल अधिक है, तो अन्य पदार्थों के साथ मिलकर यह प्लाक (Plaque) बना सकता है। प्लाक आपकी धमनियों (Arteries) की दीवारों से चिपक जाता है। जिससे आपकी कोरोनरी धमनियां (Coronory Artries) संकीर्ण या अवरुद्ध हो जाती हैं।

कोलेस्ट्रॉल रक्त में अघुलनशील होता है। जिसके कारण यह रक्त के साथ एक जगह से दूसरी जगह नहीं जा पाता हैं इसलिये उसका कोशिकाओं तक एवं उनसे वापस परिवहन Lipoproteins द्वारा किया जाता है।

इन Lipoproteins को Low-Density Lipoproteins or LDL, या बुरे कोलेस्ट्रॉल और  High-Density Lipoprotein, or HDL, या अच्छे कोलेस्ट्रॉल के नाम से जाना जाता है। Triglycerides और Lipoproteins , कुल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बनाते हैं, जिसे रक्त परीक्षण (Blood Test) के द्वारा ज्ञात किया जा सकता है।

CHOLESTEROL मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं:- CHOLESTEROL IN HINDI

निम्न घनत्व कोलेस्ट्रॉल / Low density lipoproteins (LDL)- CHOLESTEROL IN HINDI

LDL इस प्रकार के लिपोप्रोटीन्स Cholesterol को सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है। LDL का उत्पादन भी  लिवर में होता है, LDL वसा (FAT) को शरीर के अन्य भागों जैसे  मांसपेशियों (Muscles) , ऊतकों (Tissues) , और हृदय तक पहुंचाता है।

LDL Cholesterol की मात्रा हमारे शरीर में कम ही रहनी चाहिये , क्योंकि जब इसकी मात्रा रक्त के प्रवाह में आवश्यकता से अधिक हो जाती है और रक्तनली की दीवारों पर इसके जमने के कारण कभी-कभी नली बंद हो जाती हैं। जिसके कारण  हार्टअटैक(Heart Attack) और Stroke होने की संभावना बढ़ जाती है।

राष्ट्रीय कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण कार्यक्रम के अनुसार शरीर में LDL Cholesterol का स्तर 100 mg/dL से कम होना चाहिए। जब LDL (बुरा) Cholesterol अत्यधिक हो जाता है, तो यह धीरे-धीरे हृदय तथा तथा मस्तिष्क को रक्त पहुंचाने वाली धमनियों में जमा होने लगता है और एक थक्का (Clot) के रूप में संकरी हो चुकी धमनी को रोक देता है। इसके कारण हृदयाघात (Heart Attack) या Stroke होने का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।

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उच्च घनत्व Cholesterol / HIGH DENSITY LIPOPROTEINS (HDL)- CHOLESTEROL IN HINDI

उच्च घनत्व लिपोप्रोटीन (HDL ) को अच्छा कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है। यह भी LIVER में ही बनता है, जो रक्त को Heart और मस्तिष्क (Brain) में पहुंचाने के बाद वापस लिवर में पहुंचाता है। High Density lipoproteins कोलेस्ट्रॉल का हमारे शरीर में अधिक होना शरीर के लिये बहुत अच्छा होता है, क्योंकि इससे हमारे हृदय के स्वास्थय का पता चलता है। और हमारा हर्दय स्वस्थ रहता हैं ।

राष्ट्रीय कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण कार्यक्रम के अनुसार शरीर में HDL कोलेस्ट्रॉल का स्तर 60 mg/dl से अधिक नहीं होना चाहिए। HDL यानि अच्छा कोलेस्ट्रॉल हमें अखरोट,आवला, प्याज, लहसुन, ओमेगा 3 फैटी एसिड, अलसी, फाइबर युक्त फल, मछली का तेल, सोयाबीन उत्पाद, एवं हरी पत्तेदार सब्जियों से प्राप्त होता हैं।

HDL यानि अच्छे CHOLESTROL को हम कुछ PHYSICAL ACTIVITIES द्वारा भी बढ़ा सकते हैं जैसे हर रोज़ लगभग आधा घंटा यानि 30 MINUTES  लिए Aerobic Exercise करना, पैदल चलना, दौड़ना, सीढ़ी चढ़ना करके आसानी से बढ़ा सकते हैं।

धूम्रपान कम या बंद करने या शराब का सेवन न करने भर से HDL का LVEL 10 % तक बढ़ सकता है। आवश्कयता से अधिक बढे हुए वज़न को कम करके भी अच्छे कोलेस्ट्रॉल यानि HDL के लेवल को बढ़ाया जा सकता है।

अत्यधिक निम्न घनत्व कोलेस्ट्रॉल / Very low density cholesterol (VLDL)-CHOLESTEROL IN HINDI

इसका निर्माण भी LIVER में होता हैं यह शरीर में लिवर से ऊतकों और इंद्रियों के बीच कोलेस्ट्रॉल को लाता और ले जाता है। VLDL कोलेस्ट्रॉल, LDL कोलेस्ट्रॉल से ज्यादा ख़तरनाक माना जाता है क्योंकि इसके कारण हृदय रोगों का ख़तरा सबसे ज्यादा होता हैं ।

लीवर VLDL बनाता है और रक्तप्रवाह (BLOODSTREAM) में छोड़ता है।

VLDL और LDL को “खराब” कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है क्योंकि वे धमनियों में प्लाक (PLAQUE) के निर्माण में मददगार होते हैं। इसी PLAQUE के निर्माण को एथेरोस्क्लेरोसिस  (Atherosclerosis) कहा जाता है जो HEART DISEASE का एक कारण होता हैं ।

प्लाक एक चिपचिपा पदार्थ होता है जो वसा, कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम और रक्त में पाए जाने वाले अन्य पदार्थों से मिलकर बनता है। प्लाक धीरे धीरे धमनियों को सख्त और संकीर्ण यानि भिड़ा कर देता है। जिससे शरीर में ऑक्सीजन युक्त रक्त का प्रवाह आसानी से नहीं हो पाता हैं । इसी कारण कोरोनरी धमनी रोग (Coronary Artery Disease) और अन्य हृदय रोग (Heart Disease) या Stroke जैसे गंभीर रोग हो सकते हैं।

हमारे शरीर में VLDL स्तर 30 mg/dL (milligram per deciliter) से कम होना चाहिए।

इस TABLE के माध्यम से हम जान सकते हैं किस खाद्य पदार्थ में कितना CHOLESTEROL होता हैं :- CHOLESTEROL IN HINDI

क्र.सपदार्थ का नामकोलेस्ट्रांल की मात्रा
1मगज कच्चा2000 से अधिक मि.ग्रा
2मक्खन250 से 280 मि.ग्रा.
3मछली70 मि.ग्रा.
4आइससक्रीम45 मि.ग्रा
5सम्पूर्ण दूध (तरल)11 मि.ग्रा.
6दूध (सूखा)85 मि.ग्रा.
7मलाई उतारा दूध(तरल)3 मि.ग्रा
8झींगा125 मि.ग्रा.
9अंडा(संपूर्ण)550 मि.ग्रा.
10अंडे की जर्दी1500 से 2000 मि.ग्रा
11चिकेन (कच्चा)60 मि.ग्रा.
12सूअर का मांस70 मि.ग्रा
13जिगर कच्चा300-425 मि.ग्रा.

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Cholesterol के स्तर को नियंत्रित रखना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को सीधा-सीधा प्रभावित करता है। अगर Cholesterol का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है, तो यह दिल की बीमारी, दिल का दौरा, और यहाँ तक कि दिल का आघात और स्ट्रोक जैसी समस्याओं को बढ़ा सकता है। यहाँ तक इसके बढ़ने से सिरदर्द (Headache), थकान और वजन में बढ़ोतरी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

हमारे शरीर में CHOLESTEROL के लेवल को मापने के लिये टेस्ट होता हैं। जो हमारे BLOOD के द्वारा किया जाता हैं जिसे LIPID PROFILE TEST कहा जाता हैं। इस टेस्ट में तीनों प्रकार के LIPOPROTEINS के साथ TRIGLYCERIDES के LEVEL को भी मापा जाता हैं।

इस TABLE के माध्यम से हम जान सकते हैं की CHOLESTEROL का NORMAL LEVEL क्या होना चाहिये?-CHOLESTEROL IN HINDI

Cholesterol TypeDesirable Level (mg/dL)
Total CholesterolLess than 200
LDL (“Bad”) CholesterolLess than 100
HDL (“Good”) Cholesterol40 or higher for men, 50 or higher for women
VLDLLess than 30
TriglyceridesLess than 150

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कृपया ध्यान दें कि ये levels व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियों और जोखिम कारकों के आधार पर थोड़ा भिन्न भी हो सकते हैं। व्यक्तिगत सलाह और Cholesterol के स्तर की व्याख्या के लिए स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना अत्यंत आवश्यक है।

आपके शरीर को स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण के लिए Cholesterol की आवश्यकता होती है। Cholesterol का उच्च स्तर (High levels of cholesterol) आपके हृदय रोग के खतरे को बढ़ा सकता है। आइए उच्च कोलेस्ट्रॉल से जुड़े जोखिम कारकों (Risk Factors)  का पता लगाएं:-

1.अस्वास्थ्यकर जीवनशैली (Unhealthy lifestyle) – CHOLESTEROL IN HINDI

– आहार: अधिक संतृप्त वसा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है इनमे मुख्य रूप से ज्यादा चिकनाहट वाली चीजें या तली हुई चीजें ।

– व्यायाम की कमी: शारीरिक निष्क्रियता हानिकारक कोलेस्ट्रॉल के स्तर में योगदान करती है इसमें एक स्थान पर कई घंटों तक बैठे रहना या कोई भी शारीरिक परिश्रम न करना इसलिए नियमित रूप से exercise करना बहुत आवश्यक होता हैं ।

– तनाव और हार्मोन: तनाव का भी हमारे cholesterol के स्तर पर बहुत बुरा असर पड़ता हैं मानसिक तनाव होने पर हमारे शरीर में  कोर्टिसोल (Cortisol) जैसे कुछ हार्मोन release होते हैं जो LDL  (कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन) कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकते हैं।

– मोटापा या अधिक वजन: आजकल की आधुनिक जीवनशैली के चलते मोटापा या obesity एक बीमारी का रूप लेता जा रहा हैं और शरीर का यही अधिक वजन हमारे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावित कर सकता है और बढ़ा भी सकता हैं ।

– धूम्रपान: धूम्रपान हमारे शरीर के कोलेस्ट्रॉल संतुलन को बहुत बुरी तरह से प्रभावित करता है।

  1. आनुवांशिकी (Genetics):- CHOLESTEROL IN HINDI

– फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (Familial hypercholesterolemia): यह एक आनुवंशिक स्थिति हैं जिसके कारण कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है। यह अक्सर कई जीनों या कभी-कभी एक जीन दोष के कारण होता है।

– अन्य चिकित्सीय स्थितियाँ: कई गंभीर medical conditions जो हमारे शरीर के cholesterol के लेवल को प्रभावित या बढ़ा भी सकती हैं जैसे क्रोनिक किडनी रोग (chronic kidney disease), मधुमेह (Diabetes), एचआईवी/एड्स (Aids) , हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) ।

  1. दवाएँ और अन्य कारक (Medications and other factors):- CHOLESTEROL IN HINDI

– कुछ दवाएं कोलेस्ट्रॉल के स्तर को खराब कर सकती हैं इनमे मुख्य रूप मुँहासे, कैंसर, और उच्च रक्तचाप की दवाएं शामिल हैं।

– आयु: उम्र बढ़ने के साथ हमारे शरीर का cholesterol level भी बढ़ सकता हैं इसलिये cholesterol की  जांच नियमित अंतराल पर करवानी बहुत आवश्यक है।

उच्च कोलेस्ट्रॉल की जटिलताएँ (Complications of High Cholesterol)-CHOLESTEROL IN HINDI

– एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis): धमनी की दीवारों में कोलेस्ट्रॉल का निर्माण इससे artries संकरी हो जाती हैं और Blood Pressure high रहने लगता हैं ।

-हृदय और मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह कम होना।

– Heart Attack और stroke का खतरा बढ़ जाता है

FREQUENTLY ASKED QUESTIONS – CHOLESTEROL IN HINDI

Q. क्या सभी प्रकार के कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए हानिकारक है?

Ans. नहीं, कोलेस्ट्रॉल के दो प्रमुख प्रकार होते हैं: अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) और खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL)। HDL कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए फायदेमंद होता है, जबकि LDL कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिये हानिकारक होता है।

Q. क्या स्वस्थ शरीर के लिए कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम से कम होनी चाहिए?

Ans. हां, स्वस्थ शरीर के लिए कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम से कम ही होनी चाहिए। अधिक कोलेस्ट्रॉल से हृदय रोग की संभावना बढ़ सकती है।

Q. मेरा वजन सामान्य है तो क्या मेरी कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी सामान्य होनी चाहिए?

Ans. हां, यदि आपका वजन सामान्य है, तो आपकी कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी सामान्य होनी चाहिए। यह आपके स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।

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