CONSTIPATION IN HINDI
नमस्कार दोस्तों ! आज हम बात करेंगे CONSTIPATION IN HINDI यानि ‘कब्ज’ के बारे में। CONSTIPATION आजकल एक आम बीमारी बनती जा रही हैं। हर दूसरा व्यक्ति इससे जूझ रहा हैं।
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कब्ज होने के कारण पेट आसानी से साफ़ नहीं हो पता हैं। जिसके कारण दिन की शुरुवात अच्छे से नहीं हो पाती हैं। पेट में अजीब सा भारीपन बना रहता हैं। सारा दिन आलस्य बना रहता हैं। कब्ज ज्यादातर 60 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोगो को होती हैं। कब्ज में हमारे शरीर के तीन भाग आते हैं आंत (Intestine), गुदा (Anus) और मलाशय (Rectum) । NIH के 2020 में हुए एक शोध के अनुसार दुनियाँ के लगभग 15 % लोग कब्ज की बीमारी से पीड़ित होते हैं।
कब्ज एक आम स्वास्थ्य समस्या है जिसके कारण मल त्यागने में कठिनाई होती है। लगभग हर कोई अपने जीवन में कभी न कभी कब्ज से जरूर पीड़ित होता है। हालाँकि कब्ज असुविधाजनक है, इसे आमतौर पर अपने आप में एक बीमारी के बजाय एक लक्षण माना जाता है। कब्ज होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे अपर्याप्त फाइबर वाला आहार, अपर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन, गतिहीन जीवन शैली, तनाव या कभी-कभी विशिष्ट दवाओं के सेवन से भी कब्ज़ होने की संभावना रहती हैं ।
कब्ज की रोकथाम हमारे खान पान और जीवनशैली की आदतों में बदलाव पर निर्भर होती है। व्यक्ति को फल, सब्जियां, फलियां और साबुत अनाज युक्त उच्च फाइबर आहार CONSTIPATION IN HINDI खाना चाहिए। जंक फूड्सऔर पैकेज्ड खाद्य पदार्थ, दूध और मांस उत्पाद जैसे खाद्य पदार्थों को खाने से बचना चाहिये ।
कॉफी और शीतल पेय के रूप में शराब और कैफीन के सेवन को सीमित करने के साथ-साथ तरल पदार्थ का अधिकतम सेवन जैसे ज्यादा पानी पीने से भी कब्ज को रोकने में मदद मिल सकती है। नियमित रूप से व्यायाम करें, मल त्यागने की इच्छा में देरी न करें और अपने तनाव को नियंत्रित करने का प्रयास करें।
इन परिवर्तनों के साथ, कब्ज के उपचार में कई घरेलू उपचार और ओवर-द-काउंटर (OTC) दवाओँ का उपयोग शामिल है। यदि कब्ज से अभी भी राहत नहीं मिली है, या मल त्याग करते समय दर्द या मलाशय से रक्तस्राव जैसी समस्याओं के मामले में, डॉक्टर से परामर्श करना हमेशा बेहतर होता है क्योंकि पुरानी कब्ज के लंबे समय तक रहने से कई अन्य बीमारियाँ या जटिलताएं हो सकती हैं।
कब्ज के लक्षण– CONSTIPATION IN HINDI
- हर रोज मल ना त्यागना या सप्ताह में तीन बार से कम मल त्याग में कमी
- कठोर और गांठदार मल आना
- मल त्यागते समय जोर लगाना
- मल त्यागने के बाद भी पेट भरा हुआ महसूस होना
- मलाशय से मल को पूरी तरह से बाहर न निकाल पाने का एहसास होना
- मलाशय में रुकावट महसूस होना जो मल को निकलने से रोकता है
- मलाशय में सूजन
- सारा दिन सुस्ती महसूस होना
- पेट में ज्यादा दर्द होना या हल्का-हल्का दर्द महसूस होना
- पेट में बार बार मरोड़े उठना
- चक्कर आना -कब्ज के कारण पेट में गैस बनती हैं और गैस के कारण चक्कर आ सकते हैं
- मुँह में बदबू आना (Halitosis)
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कब्ज के कारण – CONSTIPATION IN HINDI
खराब खान-पान की आदतें-CONSTIPATION IN HINDI
कब्ज के सामान्य कारणों में से एक खराब आहार CONSTIPATION IN HINDI संबंधी आदतें हैं जो मल त्याग को प्रभावित करती हैं। यदि आपके आहार में फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे फल और सब्जियां सही मात्रा में शामिल नहीं हैं, तो यह पाचन और मल त्याग को प्रभावित करता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि फाइबर एक प्राकृतिक रेचक (laxative) के रूप में कार्य करता है, जो मल में पानी की मात्रा बढ़ाता है और मलत्याग को आसान बनाता है और पेट आसानी से साफ़ हो जाता हैं।
कम पानी पीना-CONSTIPATION IN HINDI
शरीर में पर्याप्त पानी की कमी से निर्जलीकरण (Dehydration) हो सकता है जो कब्ज का कारण बन सकता है। जब आप निर्जलीकरण से पीड़ित होते हैं, तो शरीर मल से पानी निकालकर पानी को संरक्षित करने का प्रयास करता है। परिणामस्वरूप, मल में कम मात्रा में पानी होता है और मल कठोर हो जाता हैं, जिससे उसे मलाशय से बाहर निकालना कठिन हो जाता है।
कुछ औषधियों का प्रयोग -CONSTIPATION IN HINDI
कब्ज कुछ दवाओं जैसे आयरन साल्ट, ओपिओइड, बिना पर्ची के मिलने वाले एंटासिड और रक्तचाप को कम करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव के कारण भी हो सकता है। इसलिए अगर आप इनमें से कोई भी दवा CONSTIPATION IN HINDI ले रहे हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। डॉक्टर या तो दवाओं की खुराक बदल सकता है या दवाओं के साथ कब्ज का इलाज करने में आपकी मदद कर सकता है।
कब्ज पैदा करने वाली कुछ दवाओं की सूची में शामिल हैं:-
- पैरासिटामोल (Paracetamol)
- इबुप्रोफेन (Ibuprofen) जैसी नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं (NSAID)।
- आयरन (IRON) और कैल्शियम (CALCIUM) की खुराक
- एल्यूमिनियम युक्त एंटासिड (Aluminum-containing Antacids)
- एंटीकोलिनर्जिक एजेंट (Anticholinergic agents) या दवाएं जो न्यूरोट्रांसमीटर एसिटाइलकोलाइन (acetylcholine) के कार्यों का विरोध करती हैं। इनमें पार्किंसंस रोग (Parkinson’s disease), अवसाद, भ्रम, मतिभ्रम और मांसपेशियों की ऐंठन की दवाएं शामिल हैं।
- एंटीकॉन्वल्सेंट (Anticonvulsant) (दौरे का इलाज करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं) जैसे कार्बामाज़ेपाइन (Carbamazepine), फ़ेनोबार्बिटल (Phenobarbital) और फ़िनाइटोइन (Phenytoin)।
कैंसर की दवाएँ जैसे विनब्लास्टाइन (Vinblastine), विन्क्रिस्टाइन (Vincristine), विन्डेसिन (Vindecine) और विनोरेलबाइन (Vinorelbine)इन सभी उपरलिखित दवाओं के ज्यादा इस्तेमाल से भी कब्ज़ की समस्या हो सकती हैं। इसलिये इन सभी दवाओं का इस्तेमाल सिर्फ डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिये।
अंदरूनी शारीरिक स्थितिओं के कारण-CONSTIPATION IN HINDI
कब्ज निम्नलिखित विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों के कारण हो सकता है:
संवेदनशील या कोई पुरानी आंत की बीमारी
अंतःस्रावी विकार (Endocrine disorders) के कारण जैसे मधुमेह (diabetes), हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism), हाइपरकैल्सीमिया (Hypercalcemia), हाइपोकैलिमिया (Hypokalemia), पिट्यूटरी हार्मोन (Pituitary Hormones) का का कम बनना।
- आंत्र बाधा या आंत में कोई रूकावट होना।
- आंत का सिकुड़ना।
- कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer)।
- पेट का कैंसर जो आंत पर दबाव डालता है।
- मलाशय (Rectum) का कैंसर
आलसी आंत सिंड्रोम (Lazy Bowel Syndrome) जिसमें पाचन तंत्र के माध्यम से अपशिष्ट की गति धीमी होती है।
कोई चोट के कारण या न्यूरोजेनिक विकार जैसे रीढ़ की हड्डी की चोट, स्ट्रोक (stroke) , मल्टीपल स्केलेरोसिस (multiple sclerosis), पार्किंसंस रोग (Parkinson’s disease), मस्तिष्क की चोट आदि।
मल त्याग की दवाईयों का अत्यधिक प्रयोग -CONSTIPATION IN HINDI
कुछ सामान्य दवाइयाँ हैं जो हर (Medical Store) पर आसानी से मिल जाती हैं। कुछ OTC प्रोडक्ट्स भी हैं जिनके लिये डॉक्टर की पर्ची की भी जरूरत नहीं होती हैं। मल त्याग की दवाइयाँ कब्ज के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सामान्य दवाएं हैं।
ज्यादातर मामलों में, इस स्थिति वाले लोग डॉक्टर से परामर्श नहीं लेते हैं बल्कि कब्ज से छुटकारा पाने के लिए मल त्याग की दवाईयों का उपयोग करते हैं। हालाँकि, यह बताया गया है कि मल त्याग की दवाईयों का अधिक उपयोग आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। जो लोग अक्सर मल त्याग की दवाईयों का उपयोग करते हैं वे ऐसी सहायता के बिना मल त्यागने की क्षमता खो देते हैं। इसलिए, लंबे समय में, इससे कब्ज का खतरा बढ़ सकता है।
कब्ज का निदान (Diagnosing Constipation)-Constipation in Hindi
- कब्ज का निदान (Diagnosing Constipation) काफी हद तक रोगी के इतिहास पर निर्भर करता है।
- चिकित्सा इतिहास को जानना जैसे शरीर में कोई अन्य बीमारी और ली गई दवाएं।
- आहार इतिहास को जानना जैसे आप खाने home remedies for constipation में क्या क्या लेते हैं और फाइबर कितना लेते हैं और पानी का सेवन कितना करते हैं?
- लक्षण इतिहास को जानना जैसे कब्ज़ कितने लम्बे समय से हैं और कितनी गंभीर हैं?
- पेट की जांच:- जिसमें पेट में फैलाव की जांच की जा सकती है। बढ़ी हुई या सूजी हुई आंत कब्ज की ओर इशारा कर सकती है।
- मलाशय परीक्षा:- पेरिनेम, गुदा और अंडकोश के बीच का क्षेत्र (पुरुषों में) या योनी (महिलाओं में) के आसपास निशान, बवासीर, फिस्टुला या दरारें देखने के लिए मलाशय (Rectum) परीक्षण किया जा सकता है।
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प्रयोगशाला परीक्षण (Laboratory Tests):- Constipation in Hindi
डॉक्टर कुछ प्रयोगशाला परीक्षण भी कर सकता हैं ये परीक्षण कब्ज पैदा करने वाली अंदरूनी शारीरिक स्थितियों को देखने के लिए किए जा सकते हैं। इनमें शामिल हो सकते हैं:
- डॉक्टर कुछ blood tests करते हैं जैसे HB Test खून मे heamoglobin के स्तर के लिये , थायराइड उत्तेजक हार्मोन (TSH ), कैल्शियम और ग्लूकोज के स्तर की जांच के लिए रक्त परीक्षण।
- मल परीक्षण संक्रमण, सूजन और कैंसर के किसी भी लक्षण की जांच के लिए ।
- रेडियोलॉजी परीक्षण आंत की लंबाई और चौड़ाई या रुकावट पैदा करने वाले किसी भी घाव को देखने के लिए पेट का एक्स-रे, सीटी स्कैन (CT scan)या आंत का एमआरआई (MRI)।
- बेरियम एनीमा अध्ययन (Barium enema Study);- एक इमेजिंग अध्ययन है जो आंत के अंदर असामान्यताओं का पता लगाने के लिए एनीमा (बेरियम युक्त) के साथ एक्स-रे का उपयोग करता है। बेरियम युक्त कंट्रास्ट घोल को मलाशय (Rectum) में इंजेक्ट किया जाता है। अन्य इमेजिंग अध्ययनों की तुलना में बेरियम एनीमा बेहतर छवियां उत्पन्न करता है।
- डेफेकोग्राफी (Defecography):- यह बेरियम एनीमा परीक्षण का एक संसोधित रूप है। बेरियम का गाढ़ा पेस्ट गुदा (Anus) के माध्यम से रोगी के मलाशय में डाला जाता है। इस प्रक्रिया से शौच की प्रक्रिया की जांच की जाती है और शौच के दौरान मलाशय और पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों की शारीरिक असामान्यताओं के बारे में पता लगाया जाता है।
- कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy) या कोलन की एंडोस्कोपी(endoscopy of the colon):- यह एक निदान का तरीका या पद्धति है जिसमें कोलन का आंतरिक दृश्य प्राप्त करने के लिए मलाशय के माध्यम से एक लंबी, लचीली, रोशनी वाली और कैमरा लगी ट्यूब डाली जाती है। इस प्रक्रिया के दौरान कैंसर या किसी अन्य समस्या की जांच के लिए बायोप्सी भी ली जा सकती है।
कब्ज की रोकथाम-Constipation in Hindi
Kabj ki Roktham
- फल, सब्जियां, फलियां और साबुत अनाज युक्त उच्च फाइबर आहारhome remedies for constipation खाने चाहिये । कम फाइबर की मात्रा वाले खाद्य पदार्थों जैसे जंक फूड्स और पैकेज्ड खाद्य पदार्थ और मांस उत्पादों को कम से कम खाना चाहिये ।
- दिन भर में कम से कम 8 गिलास पानी जरूर पीना चाहिये । पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से हमारे शरीर में पानी की कमी नहीं हो पाती हैं जिससे मल नरम बना रहता हैं और आसानी से शरीर से बाहर निकल जाता हैं
- कॉफ़ी और cold drinks या शराब का सेवन नहीं करना चाहिये क्योंकि ये शरीर से पानी को बाहर निकालते हैं। जिससे शरीर dehydrate हो जाता हैं
- सक्रिय रहें और नियमित व्यायाम करें
- मल त्यागने की इच्छा में देरी न करें
- मानसिक तनाव को कम करने का प्रयास करें
कब्ज के लिए जोखिम कारक (Risk Factors)-Constipation in Hindi
- आयु – वृद्ध वयस्कों में कब्ज अधिक आम बात है
- लिंग – कब्ज महिलाओं में अधिक होता है
- मल त्यागने की इच्छा का विरोध करना या उसमें देरी करना या मल को देर तक रोके रखना
- यात्रा या दैनिक दिनचर्या में अन्य परिवर्तन होना कम शारीरिक परिश्रम करना – शारीरिक परिश्रम ना करने या एक जगह पर ज्यादा देर तक बैठने वाले लोगों में कब्ज होने की संभावना औरो की अपेक्षा अधिक होती है
- मानसिक तनाव
- खान-पान संबंधी कोई विकार
- गर्भावस्था विशेषकर आखिरी महीनों के दौरान
- रजोनिवृत्ति (Menopause) के दौरान
कब्ज का इलाज-Constipation in Hindi
कब्ज के उपचार में मुख्य रूप से जीवनशैली में बदलाव और मल को नरम करने या आंत के माध्यम से इसको बाहर निकलने के लिए दवाएं शामिल हैं। जीवनशैली में बदलाव से हल्की कब्ज ठीक हो जाती है। हालाँकि, गंभीर कब्ज के लिए दवाओं की आवश्यकता हो सकती है।
जीवनशैली में संशोधन-Constipation in Hindi
आहार और जीवनशैली सहित अपनी रोजमर्रा की आदतों में कुछ बदलाव करके कब्ज से आसानी से बचा जा सकता है। इसमे शामिल है:
- आहार परिवर्तन
सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण बात, वयस्कों के लिए कम से कम 3 लीटर पानी पीना बहुत जरूरी है। पानी शरीर को हाइड्रेट करता है और मल को नरम करता है और आंत के रास्ते आसानी से बाहर निकल जाता हैं ।
अपने आहार में फाइबर युक्त सब्जियाँ जैसे गाजर, पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकोली, पालक, लौकी आदि शामिल करें।
प्रतिदिन एक फल कब्ज को दूर रखेगा। फाइबर से भरपूर होने के साथ-साथ , संतरा, सेब, पपीता, खजूर, अंजीर आदि जैसे फल पोषक तत्वों से भी भरपूर होते हैं।
सफेद चावल और पॉलिश किए हुए गेहूं के स्थान पर साबुत अनाज उत्पादों जैसे भूरे चावल और बिना पॉलिश किया हुआ गेहूं का उपयोग करें। ओट्स में भी ऐसे ही गुण होते हैं।
- जीवन शैली में परिवर्तन
- हर दिन एक निश्चित समय पर शौचालय का उपयोग करें जिससे हमारे शरीर की जैविक घड़ी प्रभावी ढंग से शौच करने की दिनचर्या तैयार कर लेगी। इस संबंध में सुबह का समय शौच के लिये सबसे अच्छा होता है।
जितना हो सके मादक पेय से बचें। शराब शरीर को निर्जलित करती है और मल को सख्त कर देती है।
अपने (metabolic rate) को बढ़ावा देने और कब्ज से लड़ने के लिए जॉगिंग, साइकिल चलाना, दौड़ना और तैराकी जैसे व्यायाम शुरू करें।
अपने आहार से तेल और चीनी युक्त भोजन का सेवन कम करें या समाप्त कर दें क्योंकि ये पाचन को ख़राब करते हैं, कब्ज पैदा करते हैं और मोटापे का कारण बनते हैं।
औषधियाँ-Constipation in Hindi
मल त्याग करने की दवाइयाँ, जो मल त्याग को बढ़ावा देते हैं और कब्ज से राहत और रोकथाम के लिए उपयोग किए जाते हैं। इनमें से कुछ दवाएं काउंटर पर (OTC ) उपलब्ध हैं और कैप्सूल, सपोसिटरी, एनीमा, गोलियां, गोंद और तरल पदार्थ के रूप में आती हैं।
मल त्याग करने की दवाइयाँ केवल थोड़े समय के लिए उपयोग की जाती है। दवाओं का प्रयोग केवल तभी करें जब आपके डॉक्टर इसकी सलाह दें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न– Constipation in Hindi
बहुत लंबे समय तक कब्ज रहने से क्या हो सकता है?
पुरानी कब्ज से बवासीर हो सकती हैं , रेक्टल प्रोलैप्स जिसमें मलाशय का एक हिस्सा अपनी जगह से हट जाती है और गुदा से बाहर निकल जाती है, Anal Fissure जिसमे गुदा से खून आने लगता हैं या पुरानी कब्ज के कारण कठोर मल आंतों में फंस जाता है।
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिये ?
यदि आपको एक सप्ताह में तीन से कम बार मलत्याग होता है, मल त्यागते समय दर्द होता है या मलाशय से खून आता है तो डॉक्टर से अवश्य परामर्श लें।
कब्ज़ होने का कैसे पता चलेगा ?
यदि आप कब्ज से पीड़ित हैं तो मल कठोर, सूखा और मल त्यागने में कठिनाई हो सकती है। इसके साथ मल त्यागने के बाद भी पेट भरा हुआ महसूस होता है या मलाशय से मल को पूरी तरह से बाहर नहीं निकाल पाने का एहसास होता है। कुछ लोगों को मलाशय में रुकावट का एहसास भी हो सकता है जो मल को निकलने से रोकता है। इसके अलावा, कुछ लोगों को मल को पूरी तरह से खाली करने में कठिनाई हो सकती है।
क्या दवाईयों से कब्ज से छुटकारा पाया जा सकता हैं ?
जी हाँ! मल त्यागने की दवाइयाँ ले सकते हैं जो मल त्याग को आसान बना देते हैं और कब्ज से राहत और रोकथाम के लिए उपयोग किए जाते हैं। इनमें से कुछ दवाएं काउंटर पर (OTC ) उपलब्ध हैं और कैप्सूल, सपोसिटरी, एनीमा, गोलियां, गोंद और तरल पदार्थ के रूप में आती हैं। अधिकांश मल त्यागने की दवाइयाँ केवल थोड़े समय के लिए उपयोग करने की सलाह दी जाती है।
क्या अधिक पानी पीने से कब्ज से राहत मिल सकती है?
खूब पानी पीना कब्ज से छूटकारा दिला सकता हैं , हालाँकि, केवल एक लीटर पानी गटकने से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। एक दिन में कम से कम 3 लीटर पानी जरूर पीना चाहिये ।
धन्यवाद
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